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Monday, 15 May 2017

अगले रैनसमवेयर अटैक से बचना है, तो आपको ये 4 काम करने होंगे


12 मई को दुनियाभर में कई लोगों ने अपना कंप्यूटर खोला, तो उन्हें वेलकम ट्यून सुनाई नहीं दी और न कंप्यूटर चालू हुआ. उन्हें स्क्रीन पर एक मैसेज चस्पा दिखा, जो लाख हटाने पर नहीं हटता था-
‘Ooops, your files have been encrypted’
इसे पढ़कर किसी यूज़र के दिमाग में जो भी सवाल आ सकते थे, उनके जवाब तीन पैरा में आसान अंग्रेज़ी में दिए गए थे. जिनका आसान हिंदी में मोटा-माटी तर्जुमा यूं था, ‘तुम्हारे कंप्यूटर पर हमने ताला जड़ दिया है. अब तुम अपने सिस्टम में सेव कोई डाटा एक्सेस नहीं कर सकते. हम कंप्यूटर का ताला खोल देंगे, लेकिन तभी, जब तुम हमें पैसे दोगे (बिटकॉइन की शक्ल में).
ये वैसा ही था, जैसा फिल्म ‘खोसला का घोंसला’ में अनुपम खेर के साथ होता है. आपकी प्रॉपर्टी पर कोई गुंडा आकर जम जाए और हटने के लिए पैसे मांगे. वहां बात फ्लैट की थी, यहां डाटा की है. आपके पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट, ग्रैजुएशन के दोस्तों के साथ ली तस्वीरें, मौसी की शादी का वीडियो. सब लॉक.
दो दिनों के भीतर दुनियाभर में 45 हज़ार लोगों के सिस्टम लॉक हो गए. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के कंप्यूटर तक इसकी चपेट में आ गए. लेकिन गनीमत रही कि एक कंप्यूटर एक्सपर्ट ने 650 रुपए का एक डोमेन खरीद कर इस ‘रैनसमवेयर’ (इसे वानाक्राय भी कहा गया है) नाम के इस साइबर हमले को पंचर कर दिया.
इस तरह हज़ारों लोगों के करोड़ों (या उस से भी ज़्यादा) रुपए बच गए. लेकिन हर बार ऐसा होगा, इसकी गारंटी नहीं है. अगला हमला कभी भी हो सकता है. तब तक आपको इस अटैक से बचने के लिए क्या करना होगा, हम बता रहे हैं:

#1. ऑपरेटिंग सिस्टम की सेहत पर ध्यान दें


हर साइबर हमला अपने आप में अलग होता है. इस बार हुए ‘वानाक्राय’ अटैक में विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर्स को टारगेट किया गया था. लेकिन इसकी चपेट में आने वाले ज़्यादातर कंप्यूटर्स ऐसे थे, जिनका ऑपरेटिंग सिस्टम कई-कई महीनों से अपडेट नहीं हुआ था. माइक्रोसॉफ्ट ने 13 मार्च को एक अपडेट भी जारी किया था, जिसे इंस्टॉल करने से इस तरह के अटैक से बचा जा सकता था. तो अपडेट करने में आलस न दिखाएं.
कोशिश करें कि आपके सिस्टम पर लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल रहे. ये बात खासतौर पर XP के मोह में पड़े लोगों के लिए लिखी गई है. काहे कि विंडोज़ XP के लिए माइक्रोसॉफ्ट अपडेट देना बंद कर चुका है.

#2. बैक-अप रखें


जिन पोर्टेबल हार्ड डिस्क्स पर आपने वो सारी फिल्में सेव कर रखी हैं, जो आप कभी नहीं देखने वाले, उनमें कुछ जगह बनाएं. इसमें अपने कंप्यूटर में सेव काम के डाटा की एक ड्यूपलिकेट कॉपी बनाएं. काम का डाटा माने काम का डाटा. मसलन आपकी बैंक डीटेल्स, ज़रूरी सॉफ्टवेयर और ऐसे वीडियो / तस्वीरें, जो सच में आपके दिल के करीब हों. एक ही दिन में खींची 53 सेल्फी और क्यूट किटेन वीडियो छोड़ देने हैं. ये बैक-अप साइबर अटैक या सिस्टम के क्रैश होने के समय इंश्योरेंस का काम करेगा.

#3. क्लाउड स्टोरेज काम में लाएं


ये भी एक तरह का बैक-अप ही है, लेकिन ये आपके पास नहीं रहता. इंटरनेट से जुड़े किसी सर्वर पर रहता है. इंटरनेट पर पेड और फ्री क्लाउड स्टोरेज के कई ऑप्शन मौजूद हैं.

#4. एंटी वायरस


इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले कई लोग ऑनलाइन ऊल-जलूल चीज़ें खरीदने में पैसा बरबाद करते हैं, लेकिन एंटी वायरस खरीदते वक्त उन्हें किफायत का कीड़ा काट लेता है. आप ऐसा न करें. अपनी ज़रूरत के मुताबिक एंटी वायरस इंस्टॉल करें. फ्री एंटी वायरस के मोह से बचें. एंटी वायरस साइबर अटैक का रामबाण इलाज नहीं है, लेकिन यह आपको एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर देता है. ये हर हाल में बेहतर है. इसी के साथ ‘विंडोज़ डिफेंडर’ भी चालू रखें.



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